22فَمَكَثَ غَيرَ بَعيدٍ فَقالَ أَحَطتُ بِما لَم تُحِط بِهِ وَجِئتُكَ مِن سَبَإٍ بِنَبَإٍ يَقينٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीग़रज़ सुलेमान ने थोड़ी ही देर (तवक्कुफ़ किया था कि (हुदहुद) आ गया) तो उसने अर्ज़ की मुझे यह बात मालूम हुई है जो अब तक हुज़ूर को भी मालूम नहीं है और आप के पास शहरे सबा से एक तहक़ीकी ख़बर लेकर आया हूँ