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Sura 27
Aya 22
22
فَمَكَثَ غَيرَ بَعيدٍ فَقالَ أَحَطتُ بِما لَم تُحِط بِهِ وَجِئتُكَ مِن سَبَإٍ بِنَبَإٍ يَقينٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ग़रज़ सुलेमान ने थोड़ी ही देर (तवक्कुफ़ किया था कि (हुदहुद) आ गया) तो उसने अर्ज़ की मुझे यह बात मालूम हुई है जो अब तक हुज़ूर को भी मालूम नहीं है और आप के पास शहरे सबा से एक तहक़ीकी ख़बर लेकर आया हूँ