14وَجَحَدوا بِها وَاستَيقَنَتها أَنفُسُهُم ظُلمًا وَعُلُوًّا ۚ فَانظُر كَيفَ كانَ عاقِبَةُ المُفسِدينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर बावजूद के उनके दिल को उन मौजिज़ात का यक़ीन था मगर फिर भी उन लोगों ने सरकशी और तकब्बुर से उनको न माना तो (ऐ रसूल) देखो कि (आखिर) मुफसिदों का अन्जाम क्या होगा