11إِلّا مَن ظَلَمَ ثُمَّ بَدَّلَ حُسنًا بَعدَ سوءٍ فَإِنّي غَفورٌ رَحيمٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(मुतमइन हो जाते है) मगर जो शख्स गुनाह करे फिर गुनाह के बाद उसे नेकी (तौबा) से बदल दे तो अलबत्ता बड़ा बख्शने वाला मेहरबान हूँ