82وَالَّذي أَطمَعُ أَن يَغفِرَ لي خَطيئَتي يَومَ الدّينِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर वह वही है जिससे मै उम्मीद रखता हूँ कि क़यामत के दिन मेरी ख़ताओं को बख्श देगा