82وَالَّذي أَطمَعُ أَن يَغفِرَ لي خَطيئَتي يَومَ الدّينِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर वही है जिससे मुझे इसकी आकांक्षा है कि बदला दिए जाने के दिन वह मेरी ख़ता माफ़ कर देगा