51إِنّا نَطمَعُ أَن يَغفِرَ لَنا رَبُّنا خَطايانا أَن كُنّا أَوَّلَ المُؤمِنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहमें तो इसी की लालसा है कि हमारा रब हमारी ख़ताओं को क्षमा कर दें, क्योंकि हम सबसे पहले ईमान लाए।"