22وَتِلكَ نِعمَةٌ تَمُنُّها عَلَيَّ أَن عَبَّدتَ بَني إِسرائيلَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर ये भी कोई एहसान हे जिसे आप मुझ पर जता रहे है कि आप ने बनी इसराईल को ग़ुलाम बना रखा है