216فَإِن عَصَوكَ فَقُل إِنّي بَريءٌ مِمّا تَعمَلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(तो वाज़ेए करो) पस अगर लोग तुम्हारी नाफ़रमानी करें तो तुम (साफ साफ) कह दो कि मैं तुम्हारे करतूतों से बरी उज़ ज़िम्मा हूँ