208وَما أَهلَكنا مِن قَريَةٍ إِلّا لَها مُنذِرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहमने किसी बस्ती को भी इसके बिना विनष्ट नहीं किया कि उसके लिए सचेत करनेवाले याददिहानी के लिए मौजूद रहे हैं।