189فَكَذَّبوهُ فَأَخَذَهُم عَذابُ يَومِ الظُّلَّةِ ۚ إِنَّهُ كانَ عَذابَ يَومٍ عَظيمٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकिन्तु उन्होंने उसे झुठला दिया। फिर छायावाले दिन की यातना ने आ लिया। निश्चय ही वह एक बड़े दिन की यातना थी