186وَما أَنتَ إِلّا بَشَرٌ مِثلُنا وَإِن نَظُنُّكَ لَمِنَ الكاذِبينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर तुम तो हमारे ही ऐसे एक आदमी हो और हम लोग तो तुमको झूठा ही समझते हैं