155قالَ هٰذِهِ ناقَةٌ لَها شِربٌ وَلَكُم شِربُ يَومٍ مَعلومٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीसालेह ने कहा- यही ऊँटनी (मौजिज़ा) है एक बारी इसके पानी पीने की है और एक मुक़र्रर दिन तुम्हारे पीने का