135إِنّي أَخافُ عَلَيكُم عَذابَ يَومٍ عَظيمٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदनिश्चय ही मुझे तुम्हारे बारे में एक बड़े दिन की यातना का भय है।"