121إِنَّ في ذٰلِكَ لَآيَةً ۖ وَما كانَ أَكثَرُهُم مُؤمِنينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीबेशक इसमे भी यक़ीनन बड़ी इबरत है और उनमें से बहुतेरे ईमान लाने वाले ही न थे