102فَلَو أَنَّ لَنا كَرَّةً فَنَكونَ مِنَ المُؤمِنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या ही अच्छा होता कि हमें एक बार फिर पलटना होता, तो हम मोमिनों में से हो जाते!"