77قُل ما يَعبَأُ بِكُم رَبّي لَولا دُعاؤُكُم ۖ فَقَد كَذَّبتُم فَسَوفَ يَكونُ لِزامًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकह दो, "मेरे रब को तुम्हारी कोई परवाह नहीं अगर तुम (उसको) न पुकारो। अब जबकि तुम झुठला चुके हो, तो शीघ्र ही वह चीज़ चिमट जानेवाली होगी।"