72وَالَّذينَ لا يَشهَدونَ الزّورَ وَإِذا مَرّوا بِاللَّغوِ مَرّوا كِرامًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर वह लोग जो फरेब के पास ही नही खड़े होते और वह लोग जब किसी बेहूदा काम के पास से गुज़रते हैं तो बुर्ज़ुगाना अन्दाज़ से गुज़र जाते हैं