63وَعِبادُ الرَّحمٰنِ الَّذينَ يَمشونَ عَلَى الأَرضِ هَونًا وَإِذا خاطَبَهُمُ الجاهِلونَ قالوا سَلامًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (ख़ुदाए) रहमान के ख़ास बन्दे तो वह हैं जो ज़मीन पर फिरौतनी के साथ चलते हैं और जब जाहिल उनसे (जिहालत) की बात करते हैं तो कहते हैं कि सलाम (तुम सलामत रहो)