58وَتَوَكَّل عَلَى الحَيِّ الَّذي لا يَموتُ وَسَبِّح بِحَمدِهِ ۚ وَكَفىٰ بِهِ بِذُنوبِ عِبادِهِ خَبيرًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर उस अल्लाह पर भरोसा करो जो जीवन्त और अमर है और उसका गुणगान करो। वह अपने बन्दों के गुनाहों की ख़बर रखने के लिए काफ़ी है