49لِنُحيِيَ بِهِ بَلدَةً مَيتًا وَنُسقِيَهُ مِمّا خَلَقنا أَنعامًا وَأَناسِيَّ كَثيرًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीताकि हम उसके ज़रिए से मुर्दा (वीरान) शहर को ज़िन्दा (आबाद) कर दें और अपनी मख़लूकात में से चौपायों और बहुत से आदमियों को उससे सेराब करें