40وَلَقَد أَتَوا عَلَى القَريَةِ الَّتي أُمطِرَت مَطَرَ السَّوءِ ۚ أَفَلَم يَكونوا يَرَونَها ۚ بَل كانوا لا يَرجونَ نُشورًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीहमने उनको ख़ूब सत्यानास कर छोड़ा और ये लोग (कुफ्फ़ारे मक्का) उस बस्ती पर (हो) आए हैं जिस पर (पत्थरों की) बुरी बारिश बरसाई गयी तो क्या उन लोगों ने इसको देखा न होगा मगर (बात ये है कि) ये लोग मरने के बाद जी उठने की उम्मीद नहीं रखते (फिर क्यों ईमान लाएँ)