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Sura 25
Aya 40
40
وَلَقَد أَتَوا عَلَى القَريَةِ الَّتي أُمطِرَت مَطَرَ السَّوءِ ۚ أَفَلَم يَكونوا يَرَونَها ۚ بَل كانوا لا يَرجونَ نُشورًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और उस बस्ती पर से तो वे हो आए है जिसपर बुरी वर्षा बरसी; तो क्या वे उसे देखते नहीं रहे हैं? नहीं, बल्कि वे दोबारा जीवित होकर उठने की आशा ही नहीं रखते रहे है