4وَقالَ الَّذينَ كَفَروا إِن هٰذا إِلّا إِفكٌ افتَراهُ وَأَعانَهُ عَلَيهِ قَومٌ آخَرونَ ۖ فَقَد جاءوا ظُلمًا وَزورًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जो लोग काफिर हो गए बोल उठे कि ये (क़ुरान) तो निरा झूठ है जिसे उस शख्स (रसूल) ने अपने जी से गढ़ लिया और कुछ और लोगों ने इस इफतिरा परवाज़ी में उसकी मदद भी की है