4وَقالَ الَّذينَ كَفَروا إِن هٰذا إِلّا إِفكٌ افتَراهُ وَأَعانَهُ عَلَيهِ قَومٌ آخَرونَ ۖ فَقَد جاءوا ظُلمًا وَزورًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिन लोगों ने इनकार किया उनका कहना है, "यह तो बस मनघड़ंत है जो उसने स्वयं ही घड़ लिया है। और कुछ दूसरे लोगों ने इस काम में उसकी सहायता की है।" वे तो ज़ुल्म और झूठ ही के ध्येय से आए