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Sura 25
Aya 31
31
وَكَذٰلِكَ جَعَلنا لِكُلِّ نَبِيٍّ عَدُوًّا مِنَ المُجرِمينَ ۗ وَكَفىٰ بِرَبِّكَ هادِيًا وَنَصيرًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और हमने (गोया ख़ुद) गुनाहगारों में से हर नबी के दुश्मन बना दिए हैं और तुम्हारा परवरदिगार हिदायत और मददगारी के लिए काफी है