29لَقَد أَضَلَّني عَنِ الذِّكرِ بَعدَ إِذ جاءَني ۗ وَكانَ الشَّيطانُ لِلإِنسانِ خَذولًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीबेशक यक़ीनन उसने हमारे पास नसीहत आने के बाद मुझे बहकाया और शैतान तो आदमी को रुसवा करने वाला ही है