27وَيَومَ يَعَضُّ الظّالِمُ عَلىٰ يَدَيهِ يَقولُ يا لَيتَنِي اتَّخَذتُ مَعَ الرَّسولِ سَبيلًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जिस दिन जुल्म करने वाला अपने हाथ (मारे अफ़सोस के) काटने लगेगा और कहेगा काश रसूल के साथ मैं भी (दीन का सीधा) रास्ता पकड़ता