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Sura 25
Aya 18
18
قالوا سُبحانَكَ ما كانَ يَنبَغي لَنا أَن نَتَّخِذَ مِن دونِكَ مِن أَولِياءَ وَلٰكِن مَتَّعتَهُم وَآباءَهُم حَتّىٰ نَسُوا الذِّكرَ وَكانوا قَومًا بورًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(उनके माबूद) अर्ज़ करेंगें- सुबहान अल्लाह (हम तो ख़ुद तेरे बन्दे थे) हमें ये किसी तरह ज़ेबा न था कि हम तुझे छोड़कर दूसरे को अपना सरपरस्त बनाते (फिर अपने को क्यों कर माबूद बनाते) मगर बात तो ये है कि तू ही ने इनको बाप दादाओं को चैन दिया-यहाँ तक कि इन लोगों ने (तेरी) याद भुला दी और ये ख़ुद हलाक होने वाले लोग थे