You are here: Home » Chapter 25 » Verse 10 » Translation
Sura 25
Aya 10
10
تَبارَكَ الَّذي إِن شاءَ جَعَلَ لَكَ خَيرًا مِن ذٰلِكَ جَنّاتٍ تَجري مِن تَحتِهَا الأَنهارُ وَيَجعَل لَكَ قُصورًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ख़ुदा तो ऐसा बारबरकत है कि अगर चाहे तो (एक बाग़ क्या चीज़ है) इससे बेहतर बहुतेरे ऐसे बाग़ात तुम्हारे वास्ते पैदा करे जिन के नीचे नहरें जारी हों और (बाग़ात के अलावा उनमें) तुम्हारे वास्ते महल बना दे