وَعَدَ اللَّهُ الَّذينَ آمَنوا مِنكُم وَعَمِلُوا الصّالِحاتِ لَيَستَخلِفَنَّهُم فِي الأَرضِ كَمَا استَخلَفَ الَّذينَ مِن قَبلِهِم وَلَيُمَكِّنَنَّ لَهُم دينَهُمُ الَّذِي ارتَضىٰ لَهُم وَلَيُبَدِّلَنَّهُم مِن بَعدِ خَوفِهِم أَمنًا ۚ يَعبُدونَني لا يُشرِكونَ بي شَيئًا ۚ وَمَن كَفَرَ بَعدَ ذٰلِكَ فَأُولٰئِكَ هُمُ الفاسِقونَ
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
(ऐ ईमानदारों) तुम में से जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए उन से ख़ुदा ने वायदा किया कि उन को (एक न एक) दिन रुए ज़मीन पर ज़रुर (अपना) नाएब मुक़र्रर करेगा जिस तरह उन लोगों को नाएब बनाया जो उनसे पहले गुज़र चुके हैं और जिस दीन को उसने उनके लिए पसन्द फरमाया है (इस्लाम) उस पर उन्हें ज़रुर ज़रुर पूरी क़ुदरत देगा और उनके ख़ाएफ़ होने के बाद (उनकी हर आस को) अमन से ज़रुर बदल देगा कि वह (इत्मेनान से) मेरी ही इबादत करेंगे और किसी को हमारा शरीक न बनाएँगे और जो शख्स इसके बाद भी नाशुक्री करे तो ऐसे ही लोग बदकार हैं