44يُقَلِّبُ اللَّهُ اللَّيلَ وَالنَّهارَ ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَعِبرَةً لِأُولِي الأَبصارِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीख़ुदा ही रात और दिन को फेर बदल करता रहता है- बेशक इसमें ऑंख वालों के लिए बड़ी इबरत है