41أَلَم تَرَ أَنَّ اللَّهَ يُسَبِّحُ لَهُ مَن فِي السَّماواتِ وَالأَرضِ وَالطَّيرُ صافّاتٍ ۖ كُلٌّ قَد عَلِمَ صَلاتَهُ وَتَسبيحَهُ ۗ وَاللَّهُ عَليمٌ بِما يَفعَلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या तुमने नहीं देखा कि जो कोई भी आकाशों और धरती में है, अल्लाह की तसबीह (गुणगान) कर रहा है और पंख पसारे हुए पक्षी भी? हर एक अपनी नमाज़ और तसबीह से परिचित है। अल्लाह भली-भाँति जाना है जो कुछ वे करते है