2الزّانِيَةُ وَالزّاني فَاجلِدوا كُلَّ واحِدٍ مِنهُما مِائَةَ جَلدَةٍ ۖ وَلا تَأخُذكُم بِهِما رَأفَةٌ في دينِ اللَّهِ إِن كُنتُم تُؤمِنونَ بِاللَّهِ وَاليَومِ الآخِرِ ۖ وَليَشهَد عَذابَهُما طائِفَةٌ مِنَ المُؤمِنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदव्यभिचारिणी और व्यभिचारी - इन दोनों में से प्रत्येक को सौ कोड़े मारो और अल्लाह के धर्म (क़ानून) के विषय में तुम्हें उनपर तरस न आए, यदि तुम अल्लाह औऱ अन्तिम दिन को मानते हो। और उन्हें दंड देते समय मोमिनों में से कुछ लोगों को उपस्थित रहना चाहिए