12لَولا إِذ سَمِعتُموهُ ظَنَّ المُؤمِنونَ وَالمُؤمِناتُ بِأَنفُسِهِم خَيرًا وَقالوا هٰذا إِفكٌ مُبينٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जब तुम लोगो ने उसको सुना था तो उसी वक्त ईमानदार मर्दों और ईमानदार औरतों ने अपने लोगों पर भलाई का गुमान क्यो न किया और ये क्यों न बोल उठे कि ये तो खुला हुआ बोहतान है