98وَأَعوذُ بِكَ رَبِّ أَن يَحضُرونِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर ऐ मेरे परवरदिगार इससे भी तेरी पनाह माँगता हूँ कि शयातीन मेरे पास आएँ