91مَا اتَّخَذَ اللَّهُ مِن وَلَدٍ وَما كانَ مَعَهُ مِن إِلٰهٍ ۚ إِذًا لَذَهَبَ كُلُّ إِلٰهٍ بِما خَلَقَ وَلَعَلا بَعضُهُم عَلىٰ بَعضٍ ۚ سُبحانَ اللَّهِ عَمّا يَصِفونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीन तो अल्लाह ने किसी को (अपना) बेटा बनाया है और न उसके साथ कोई और ख़ुदा है (अगर ऐसा होता) उस वक्त हर खुदा अपने अपने मख़लूक़ को लिए लिए फिरता और यक़ीनन एक दूसरे पर चढ़ाई करता