77حَتّىٰ إِذا فَتَحنا عَلَيهِم بابًا ذا عَذابٍ شَديدٍ إِذا هُم فيهِ مُبلِسونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीयहाँ तक कि जब हमने उनके सामने एक सख्त अज़ाब का दरवाज़ा खोल दिया तो उस वक्त फ़ौरन ये लोग बेआस होकर बैठ रहे