66قَد كانَت آياتي تُتلىٰ عَلَيكُم فَكُنتُم عَلىٰ أَعقابِكُم تَنكِصونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(जब) हमारी आयतें तुम्हारे सामने पढ़ी जाती थीं तो तुम अकड़ते किस्सा कहते बकते हुए उन से उलटे पाँव फिर जाते