64حَتّىٰ إِذا أَخَذنا مُترَفيهِم بِالعَذابِ إِذا هُم يَجأَرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयहाँ तक कि जब हम उनके खुशहाल लोगों को यातना में पकड़ेगे तो क्या देखते है कि वे विलाप और फ़रियाद कर रहे है