62وَلا نُكَلِّفُ نَفسًا إِلّا وُسعَها ۖ وَلَدَينا كِتابٌ يَنطِقُ بِالحَقِّ ۚ وَهُم لا يُظلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहम किसी व्यक्ति पर उसकी समाई (क्षमता) से बढ़कर ज़िम्मेदारी का बोझ नहीं डालते और हमारे पास एक किताब है, जो ठीक-ठीक बोलती है, और उनपर ज़ुल्म नहीं किया जाएगा