6إِلّا عَلىٰ أَزواجِهِم أَو ما مَلَكَت أَيمانُهُم فَإِنَّهُم غَيرُ مَلومينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदसिवाय इस सूरत के कि अपनी पत्नि यों या लौंडियों के पास जाएँ कि इसपर वे निन्दनीय नहीं है