57إِنَّ الَّذينَ هُم مِن خَشيَةِ رَبِّهِم مُشفِقونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदनहीं, बल्कि उन्हें इसका एहसास नहीं है। निश्चय ही जो लोग अपने रब के भय से काँपते रहते हैं;