55أَيَحسَبونَ أَنَّما نُمِدُّهُم بِهِ مِن مالٍ وَبَنينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीक्या ये लोग ये ख्याल करते है कि हम जो उन्हें माल और औलाद में तरक्क़ी दे रहे है तो हम उनके साथ भलाईयाँ करने में जल्दी कर रहे है