55أَيَحسَبونَ أَنَّما نُمِدُّهُم بِهِ مِن مالٍ وَبَنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या वे समझते है कि हम जो उनकी धन और सन्तान से सहायता किए जा रहे है,