53فَتَقَطَّعوا أَمرَهُم بَينَهُم زُبُرًا ۖ كُلُّ حِزبٍ بِما لَدَيهِم فَرِحونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकिन्तु उन्होंने स्वयं अपने मामले (धर्म) को परस्पर टुकड़े-टुकड़े कर डाला। हर गिरोह उसी पर खुश है, जो कुछ उसके पास है