43ما تَسبِقُ مِن أُمَّةٍ أَجَلَها وَما يَستَأخِرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीकोई उम्मत अपने वक्त मुर्करर से न आगे बढ़ सकती है न (उससे) पीछे हट सकती है