37إِن هِيَ إِلّا حَياتُنَا الدُّنيا نَموتُ وَنَحيا وَما نَحنُ بِمَبعوثينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदवह तो बस हमारा सांसारिक जीवन ही है। (यहीं) हम मरते और जीते है। हम कोई दोबारा उठाए जानेवाले नहीं है