20وَشَجَرَةً تَخرُجُ مِن طورِ سَيناءَ تَنبُتُ بِالدُّهنِ وَصِبغٍ لِلآكِلينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर वह वृक्ष भी जो सैना पर्वत से निकलता है, जो तेल और खानेवालों के लिए सालन लिए हुए उगता है