18وَأَنزَلنا مِنَ السَّماءِ ماءً بِقَدَرٍ فَأَسكَنّاهُ فِي الأَرضِ ۖ وَإِنّا عَلىٰ ذَهابٍ بِهِ لَقادِرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हमने आसमान से एक अन्दाजे क़े साथ पानी बरसाया फिर उसको ज़मीन में (हसब मसलेहत) ठहराए रखा और हम तो यक़ीनन उसके ग़ाएब कर देने पर भी क़ाबू रखते है