118وَقُل رَبِّ اغفِر وَارحَم وَأَنتَ خَيرُ الرّاحِمينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (ऐ रसूल) तुम कह दो परवरदिगार तू (मेरी उम्मत को) बख्श दे और तरस खा और तू तो सब रहम करने वालों से बेहतर है